बीएड में प्रवेश से वंचित 37 हजार अभ्यर्थियों को झटका, जमा शुल्क पाने के लिए अभी करना होगा इंतजार
उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में दाखिला न पाने वाले करीब 37 हजार अभ्यर्थियों को अभी अपना शुल्क पाने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय ने अभ्यर्थियों की सूची तो तैयार कर ली है, लेकिन उनके चेक बनाकर बैंक में नहीं भेजे हैं, जिसकी वजह से उनका शुल्क खाते में ट्रांसफर नहीं किया जा सका है।
दरअसल, शासन ने लखनऊ विश्वविद्यालय को संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी थी। विश्वविद्यालय ने प्रदेश भर के बीएड कालेजों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की। फिर दो महीने तीन दिन तक काउंसलिंग के माध्यम से प्रवेश लिए गए। प्रक्रिया 20 नवंबर को समाप्त हो गई थी। लेकिन 37 हजार अभ्यर्थी ऐसे रहे जिन्हें प्रवेश नहीं मिल सका। इनमें करीब पांच हजार अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने सीधी काउंसलिंग में प्रतिभाग कर 51,250 रुपये शुल्क जमा कर दिया था। लेकिन कोई सीट आवंटित नहीं हो पाई। इसके अलावा करीब 32 हजार अभ्यर्थी ऐसे भी हैं, जिन्होंने पहली और पूल काउंसलिंग में शामिल होने के लिए पांच हजार रुपये एडवांस में जमा किए थे।
इन्हें भी सीट नहीं मिल पाई। अभ्यर्थी पिछले कई महीने से शुल्क वापसी का इंतजार कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर भी दावा किया था कि जनवरी में शुल्क वापसी हो जाएगी। अभी तक प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई। राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी का कहना है कि अभ्यर्थियों की सूची तैयार हो चुकी है। सिर्फ चेक बनने बाकी हैं। जल्द ही चेक बनाकर बैंक को भेजे जाएंगे, जिसके बाद खाते में पैसा ट्रांसफर होगा। गौरतलब है कि सबसे पहले 51,250 रुपये वाले अभ्यर्थियों का रिफंड वापस किया जाएगा।
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