प्रसार भारती में 25000 से ज्यादा पद खाली, संसदीय समिति ने दूरदर्शन व आकाशवाणी की रिक्तियां भरने को कहा
संसद की एक समिति ने प्रसार भारती में 25,188 रिक्तियां होने पर कड़ा रुख जताते हुए कहा कि रिक्तियों को भरने को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को बार-बार सिफारिश किये जाने के बावजूद रिक्तियों में 2,855 पदों का इजाफा हुआ है। संसद में पेश संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के 34वें प्रतिवेदन में कहा गया है कि अभी प्रसार भारती में 25,188 रिक्तियां हैं जिसमें दूरदर्शन में 9,869 रिक्तियां तथा आकाशवाणी में 15,319 पद रिक्त हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ''समिति पुरजोर तरीके से मंत्रालय से कहती है कि इसमें और देरी नहीं की जाए और प्रसार भारती में रिक्तियों को भरने की दिशा में ठोस कदम उठाये जाएं ताकि पर्याप्त मानव संसाधन की कमी के कारण संगठन और इसकी क्षमता पर प्रभाव नहीं पड़े।''इसमें कहा गया है कि वर्ष 2021-22 की रिपोर्ट की जांच परख के दौरान मंत्रालय ने सूचित किया था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी में क्रमश: 10,247 और 12,086 रिक्तियां हैं।
समिति ने कहा कि वह इस बात पर गहरा संज्ञान लेती है कि रिक्तियों को भरने को लेकर बार-बार सिफारिश किये जाने के बावजूद रिक्तियां कम होने की बजाए इसमें 2,855 की वृद्धि हुई है। इसके कारणों के बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय ने सूचित किया कि प्रसार भारती भर्ती बोर्ड का गठन 1 जुलाई 2020 को किया गया ताकि आकाशवाणी और दूरदर्शन की रिक्तियों को भरा जा सके। मंत्रालय ने बताया कि सीधी भर्ती के माध्यम से रिक्तियों को भरने का कार्य मानवशक्ति ऑडिट रिपोर्ट की स्थिति और इसकी सिफारिशों पर निर्णय के बाद लिया जायेगा।
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