केंद्रीय विद्यालय एडमिशन में सांसद कोटे को समाप्त करने पर सदस्यों में एक राय नहीं: नायडू
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय विद्यालयों (केवी) में दाखिले के लिए सांसदों को मिले विवेकाधीन कोटे को समाप्त करने को लेकर उच्च सदन के सदस्यों की राय बंटी हुई है, लिहाजा इस पर चर्चा होनी चाहिए।शून्य काल में कांग्रेस की छाया वर्मा ने कहा कि देश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 लागू है और इसमें सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार की परिकल्पना की गई है।
उन्होंने कहा कि इसके तहत छह से 14 साल के बच्चों को स्कूल में फीस नहीं लेने का प्रावधान है लेकिन केंद्रीय विद्यालयों में इसका पालन नहीं हो रहा है। इसी दौरान उन्होंने केंद्रीय विद्यालयों के दाखिले में सांसदों के कोटे को बढ़ाने का मुद्दा उठाया। इस पर सभापति नायडू ने कहा कि इसे लेकर सदस्यों में दो राय है।उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य चाहते हैं कि कोटा बढ़ाया जाए जबकि कुछ सदस्य मेरे पास आए थे और उन्होंने इसे समाप्त करने की मांग की। इस पर चर्चा होनी चाहिए।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुशील कुमार मोदी ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को केवी दाखिले में सांसदों को मिले विवेकाधीन कोटे को समाप्त करने की मांग उच्च सदन में उठाई थी।प्रत्येक सांसद को उसके निर्वाचन क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश के लिए 10 सीटों का कोटा मिलता है जिसमें उसकी सिफारिश पर क्षेत्र के किसी विद्यार्थी का इन विद्यालय में दाखिल हो सकता है।पिछले सप्ताह लोकसभा में भी यह मामला उठा था। इस पर अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि इस विषय पर सभी दलों के नेताओं से मंत्री बात करेंगे और फिर कोई अंतिम निर्णय किया जायेगा।
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