UKSSSC : फॉरेस्टर भर्ती परीक्षा के 332 प्रश्न हटाये जाने के मामले में आयोग को पुनर्विचार के निर्देश
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने फॉरेस्टर पद के लिये आयोजित लिखित परीक्षा में 332 प्रश्न हटाये जाने को लेकर उपजी कथित विसंगति के मामले में शुक्रवार को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को निर्देश दिये कि याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन पर पुनर्विचार करे। मामले को मनजीत पंवार समेत दस अन्य परीक्षार्थियों की ओर से चुनौती दी गयी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ में हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से एक याचिका के माध्यम से कहा गया कि आयोग की ओर पिछले साल 16 जुलाई से 25 जुलाई के मध्य फारेस्टर पद के लिये लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया और आठ अक्टूबर को अंतिम चयन किया गया।
परीक्षा के लिये 18 सेटों में 100-100 के 1800 प्रश्न तैयार किये गये। याचिकाकर्ताओं की ओर से यह भी कहा गया कि इसी बीच एक कमेटी की संस्तुति पर आयोग ने 332 प्रश्नों को हटा दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से आगे कहा गया कि परीक्षा के बाद यह गंभीर विसंगति है। याचिकाकर्ताओं की ओर से इससे परीक्षार्थियों को नुकसान होने की आशंका व्यक्त की गयी। दूसरी ओर आयोग की ओर से कहा गया कि इसमें कोई विसंगति उत्पन्न नहीं हुई है।
तय मानकों के अनुसार ही कड़ाई से चयन किया गया है। हटाये गये प्रश्नों के बदले में सभी परीक्षार्थियों को समान अंक प्रदान किये गये हैं। किसी के साथ किसी प्रकार को कोई पूर्वाग्रह नहीं अपनाया गया है। अदालत ने हालांकि इसके बाद आयोग को निर्देश दिये कि याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन पर आठ सप्ताह के अंदर पुनर्विचार करे।
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