हाईकोर्ट : आपराधिक केस में बरी पुलिस भर्ती में चयनित याची की नियुक्ति का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक केस में बरी पुलिस भर्ती 2018 में चयनित अभ्यर्थी को आठ सप्ताह में सिविल पुलिस कांस्टेबल पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याची सुप्रीम कोर्ट के अवतार सिंह केस के फैसले का लाभ पाने का हकदार है। कोर्ट ने आपराधिक केस की जानकारी छिपाने के आधार पर नियुक्ति से इनकार करने के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), वाराणसी के आदेश को रद्द कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने वाराणसी निवासी रंजीत यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता कमल सिंह यादव ने बहस की। अधिवक्ता का कहना था कि याची पुलिस भर्ती में चयनित किया गया। किंतु आपराधिक केस लंबित रहने के कारण उसे नियुक्ति देने से इनकार कर दिया। चौबेपुर थाने में मारपीट, गाली गलौज का केस दर्ज था।
याची का कहना था कि उसे केस की जानकारी नहीं थी। न तो पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया और न ही कोर्ट ने समन जारी किया। इसलिए यह नहीं कह सकते कि उसने तथ्य छिपाया है। कोर्ट ने याची व सह अभियुक्त को यह कहते हुए बरी कर दिया है कि पुलिस अभियोग बिना संदेह के साबित करने में विफल रही। दूसरी तरफ पक्षकारों में समझौता भी हो गया था। याची ने अवतार सिंह केस के फैसले के आधार पर प्रत्यावेदन भी दिया था। प्रत्यावेदन को निरस्त कर दिया गया, जिसे चुनौती दी गई थी।
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