Indian Army Recruitment Rally 2022 : राजस्थान से दिल्ली 350 किलोमीटर दौड़कर आया ये शख्स, जानें वजह
Indian Army Recruitment Rally 2022 : इंडियन आर्मी भर्ती फिर से शुरू करने की मांग को लेकर सैंकड़ों युवाओं ने बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए एक अभ्यर्थी राजस्थान के सीकर से दिल्ली 50 घंटे में 350 किलोमीटर दौड़कर पहुंचा। सेना में शामिल होने के इच्छुक अभ्यर्थी सुरेश भिचर ने बताया कि उसने 29 मार्च से दौड़ना शुरू किया था। हर घंटे वह 6 किलोमीटर दौड़ता था।
सुरेश भिचर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'पिछले दो साल से सेना भर्ती रुकी हुई है। मैं रोज सुबह 4 बजे दौड़ना शुरू करता था और 11 बजे के आसपास किसी पेट्रोल पंप पर आकर ही रुकता था। यहां मैं थोड़ा आराम करता था। वहां आसपास रहने वाले आर्मी में जाने के इच्छुक अभ्यर्थी मुझे खाना देते थे। मैं रोजाना 60-70 किलोमीटर दौड़ता था। 2 अप्रैल को मैं दिल्ली पहुंच गया था।'
भिचर ने कहा कि उसके ऐसा करने का मकसद सेना भर्ती बहाल करने की ओर सरकार का ध्यान खींचना और युवाओं में इंडियन आर्मी में जाने के लिए जोश भरना है। उन्होंने बताया कि वैसे सेना में जाना उनका सपना था लेकिन वह शामिल नहीं हो सके। ऐसे में उन्होंने टेरिटोरियल आर्मी के लिए तैयारी शुरू की। 21 वर्षीय तरुण ने कहा, 'मैं करीब एक साल से अपने घर से दूर रहकर परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं। घर की गाय और भैंस बेचकर मेरे माता पिता मेरी पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं।'
#WATCH दिल्ली: भारतीय सेना में शामिल होने के लिए इच्छुक एक युवा राजस्थान के सीकर से दिल्ली में एक प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 50 घंटे में 350 किलोमीटर दौड़कर पहुंचा। pic.twitter.com/rpRVH8k4SI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 5, 2022
अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणामों व नियुक्तियों में देरी को लेकर भी चिंता जताई।
आपको बता दें कि पिछले दो साल से कोरोना के चलते सरकार ने सेना भर्ती रैलियां रोकी हुई हैं। सरकार ने करीब दो सप्ताह पहले संसद में कहा था कि कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में भारतीय थल सेना में भर्ती प्रक्रिया स्थगित हुयी और इस पर कोई रोक नहीं लगायी गयी है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि कोविड महामारी का प्रकोप कम हुआ है लेकिन यह अभी समाप्त नहीं हुआ है। कोविड महामारी के चलते पिछले दो वर्षों में थल सेना में भर्ती रैलियों का आयोजन नहीं हुआ है।
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