शिक्षाविदों ने DU के कुलपति से आरक्षित छात्रों के नामांकन में 'कमी' पर गौर करने का किया आग्रह
DU Admission 2022: शिक्षाविदों के एक फोरम ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह को पत्र लिखकर इस वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले पिछले पांच साल के दाखिले के आंकड़ों का विश्लेषण करने का आग्रह किया है ताकि आरक्षित श्रेणियों के तहत छात्रों की नामांकन संख्या में 'कमी' पर गौर किया जा सके।
'द फोरम ऑफ एकेडमिक्स फोर सोशल जस्टिस' के अध्यक्ष एवं डीयू की अकादमिक परिषद के पूर्व सदस्य हंसराज सुमन ने सिंह को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय के कॉलेज हर साल स्वीकृत सीटों से अधिक छात्रों को प्रवेश देते हैं जबकि आरक्षित श्रेणियों के तहत सीटें खाली रहती हैं। पत्र में कहा गया, ''अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग कोटे के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले, पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाना चाहिए। इससे पता चलेगा कि विभिन्न कॉलेज ने स्वीकृत सीटों से अधिक संख्या में दाखिले किये जबकि बदले में आरक्षित सीटें नहीं भरी गईं। हर साल आरक्षित श्रेणियों की सीटें खाली रहती हैं।''
सुमन ने दावा किया कि हर साल दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेज में स्वीकृत सीटों से 10 फीसदी ज्यादा दाखिले होते हैं और ज्यादातर कॉलेज बढ़ी हुई सीटों के बदले आरक्षित वर्ग की सीटें नहीं भरते। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों की नामांकन संख्या में 'कमी' के मुद्दे की पड़ताल करने के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया था।
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