पेरियार विश्वविद्यालय के दूरस्थ कार्यक्रम के बारे में यूजीसी ने छात्रों को किया आगाह
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों से तमिलनाडु के पेरियार विश्वविद्यालय के मुक्त एवं दूरस्थ कोर्स में दाखिला लेने को लेकर आगाह करते हुए कहा है कि आयोग विश्वविद्याल के ऐसे पाठ्यक्रम को मान्यता नहीं देता है। आयोग का यह कदम ऐसे समय में आया है जब उसने पाया कि विश्वविद्यालय ने कथित तौर पर यूजीसी के (मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षण कार्यक्रमों और ऑनलाइन कार्यक्रम) नियमन 2020 का उल्लंघन अपने दूरस्थ शिक्षण कार्यक्रम को चलाने में किया था । विश्वविद्यालय की ओर से इस मुद्दे पर अभी कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।
विश्वविद्यालय को मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षण (ओडीएल) प्रारूप के माध्यम से पाठ्यक्रम चलाने के लिये वर्ष 2007-08 से 2014-15 और वर्ष 2019-20 के लिये मान्यता मिली थी । आयोग के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि विभिन्न संवादों के मध्यम से आयोग के संज्ञान में यह बात सामने आई है कि तमिलनाडु का पेरियार विश्वविद्यालय बिना पूर्णकालिक निदेशक एवं शिक्षकों के चलाया जा रहा है। वहां पर्याप्त गैर शिक्षण कर्मचारी भी नहीं है ।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने केंद्र भी स्थापित नहीं किया है और वह मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षण कार्यक्रम बिना यूजीसी के पूर्व मंजूरी के चला रहा है जो यूजीसी अधिनियम एवं संशोधनों के तहत स्थापित शर्तो का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि शिकायत निपटारा समिति (सीआरसी) की सिफारिशों के तहत आयोग ने निर्णय किया है कि वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिये उच्च शिक्षण संस्थान के बारे में कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा ।
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