भर्ती परीक्षा में फेल नर्सें बोलीं, जब UPSC IAS का पेपर हिंदी में आता है, तो हमारा क्यों नहीं
पीजीआई में नर्स भर्ती की परीक्षा में प्रश्न हिन्दी में न होने की वजह से बुधवार को जारी परीक्षा परिणाम में उत्तर प्रदेश के प्रतिभागी मेरिट में पिछड़ गए। परीक्षा में शामिल पीजीआई में कार्यरत आउटसोर्सिंग नर्सों में भारी आक्रोश है। परीक्षा में बैठीं नर्सें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम व चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक से शिकायत कर परीक्षा दोबारा कराने की मांग करेंगी।
पीजीआई में करीब 495 नर्सों की स्थायी भर्ती की परीक्षा 20 जून को एक निजी एजेंसी ने कराई थी। सीमा, अशोक, प्रियंका समेत कई अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में करीब 25 हजार से अभ्यर्थी बैठे थे। परीक्षा कराने वाली निजी एजेंसी ने प्रश्न पत्र सिर्फ अंग्रेजी भाषा में दिया था। जिसकी वजह से हिन्दी भाषी अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र हल करने में दिक्कतें हुईं। बहुत से प्रश्न की समझ में नहीं आए। जिसकी वजह से सही उत्तर नहीं दे पाईं। यही वजह है कि यह छात्र मेरिट में पिछड़ गए हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब देश की सबसे बड़ी परीक्षा आईएएस में प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में होता है तो नर्स की परीक्षा में भी दोनों भाषाओं में प्रश्न पत्र होना चाहिए था। अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त कर दोबारा दोनों विकल्प के साथ परीक्षा कराने की मांग की है। साथ ही एनएचएम की तरह संस्थान में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को अतिरिक्त अंक देने की मांग उठायी है।
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