केजीएमयू शिक्षकों को 10 साल से ज्यादा बिना वेतन अवकाश मिलेगा, इसके बाद राज्यपाल से लेनी होगी अनुमति
लखनऊ। केजीएमयू में शिक्षकों की छुट्टी के नियमों में फेरबदल किया गया है। अब कोई भी शिक्षक 10 साल से ज्यादा बिना वेतन अवकाश ले सकेगा। 10 साल तक केजीएमयू प्रशासन शिक्षक को छुट्टी देने का अधिकारी होगा। उसके बाद अवकाश राज्यपाल की संस्तुति के बाद मिलेगा। केजीएमयू के एक्ट में शिक्षकों की छुट्टी को लेकर दूसरी बार संशोधन हुआ है।
केजीएमयू में करीब 500 शिक्षक हैं। अभी तक केजीएमयू के शिक्षक पांच साल बिना वेतन अवकाश पर जा सकते थे। इसके बाद एक्ट में संशोधन हुआ। अवकाश की अविधि में संशोधन किया गया। 10 साल कोई भी शिक्षक बिना वेतन अवकाश पर रह सकता है।
एक्ट में दूसरी बार संशोधन
यदि कोई शिक्षक देश सेवा, राज्य की सेवा जैसे निदेशक या कुलपति नियुक्त होता है तो उसे अवकाश मिलेगा। इसके लिए केजीएमयू एक्ट में दूसरी बार संशोधन किया गया। फिर इसे कार्यपरिषद के सदस्यों ने भी मंजूरी दे दी है।
डॉ. संजीव की छुट्टी का रास्ता साफ
केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीव मिश्र गुजरे 10 साल से एम्स जोधपुर के निदेशक हैं। हाल ही में उन्हें अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी का कुलपति नियुक्त किया गया है। उनके अवकाश का मसला भी चल रहा था। केजीएमयू के एक्ट में संशोधन के बाद अवकाश के मामले का पटाक्षेप हो गया है। डॉ. संजीव मिश्र अगले हफ्ते अटल यूनिवर्सिटी की कमान संभाल सकते हैं।
केजीएमयू शिक्षक संघ के सदस्यों ने कुलपति को एक काला बिल्ला भेंट किया था और एसजीपीजीआईएमएस में अपने समकक्षों के समान वेतन और भत्तों की मांग को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। बाद में कैंपस में सैकड़ों डॉक्टरों ने काला बिल्ला पहनकर काम किया।
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