प्रदेश के 11 जिले अवस्थापना सुविधाओं में फिसड्डी
प्रयागराज परिषदीय स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प के तहत अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर है। पिछले दिनों महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी जिलों की समीक्षा की। इसमें 11 जिले फिसड्डी पाए गए। इस पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने नाराजगी जताते हुए व्यवस्था में सुधार का निर्देश दिया है।
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि समीक्षा में पता चला कि प्रदेश के 76 विकास खंडों ने अवस्थापना सुविधाओं के संबंध में फीडिंग प्रेरणा पोर्टल पर नहीं कराई है। संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों को इस दिशा में कार्य के लिए निर्देशित किया गया है। छह माह के भीतर नल जल सुविधा, बालक और बालिकाओं के लिए अगल अलग शौचालय का प्रबंध करने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त सिद्धार्थनगर, बस्ती, इटावा, मैनपुरी, देवरिया, लखीमपुर खीरी, बलिया, जालौन, लखनऊ, गौतमबुद्धनगर के साथ प्रयागराज के कुछ विकासखंडों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए संतोषजनक कार्य नहीं किया गया। इनमें मांडा और शंकरगढ़ प्रमुख हैं। पांच माह में एक प्रतिशत कार्य भी नहीं कराया गया। कायाकल्प के लिए पूर्व में 14 बिंदु तय थे जिलेभर में सिर्फ 13 प्रतिशत विद्यालय संतृप्त हुए, हालांकि शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा 89 प्रतिशत है।
40 प्रतिशत विद्यालयों में दिव्यांगों के लिए शौचालय : जिलेभर में मात्र 40 प्रतिशत विद्यालय ऐसे हैं जहां दिव्यांगों के लिए सक्रिय शौचालय हैं। बाउंड्री और फर्नीचर के क्षेत्र में भी खास कार्य नहीं हो सका है। 30 प्रतिशत विद्यालयों में चहारदीवारी बनी जबकि पिछले एक वर्ष में मात्र 599 स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था
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