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बुधवार, 14 सितंबर 2022

रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा में चार गिरफ्तार



 रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा में चार गिरफ्तार

गोरखपुर। रेलवे ग्रुप डी ऑनलाइन परीक्षा में एक बार फिर सॉल्वर पकड़ा गया। नौसड़ स्थित स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर से मंगलवार को एसटीएफ ने साल्वर गैंग के चार लोगों को गिरफ्तार किया। 

सॉल्वर को केन्द्र के अंदर से परीक्षा देने के दौरान टीम ने दबोचा तो वहीं उसके तीन साथी केन्द्र के बाहर मिल गए। वह दूसरी की जगह पर बैठकर परीक्षा दे रहा था। पूछताछ में पता चला कि पांच लाख रुपये में यह सौदा हुआ था। एसटीएफ ने गीडा थाने में केस दर्ज कराया है।

एसटीएफ को रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा में सॉल्वर के बैठने की सूचना मिली थी। इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में टीम ने इस मामले में स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर नौसढ़, गोरखपुर स्थित केन्द्र के बाहर से तीन युवकों को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ में पता चला कि स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर के कक्ष में मूल अभ्यर्थी मिथिलेश कुमार के स्थान पर सॉल्वर रंजीत कुमार बैठकर परीक्षा दे रहा है। टीम ने सेंटर अन्दर जाकर ड्यूटी पर मौजूद कर्मियों को साथ लेकर सॉल्वर को गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ गीडा थाने में एसटीएफ ने विभिन्न धाराओं मुकदमा दर्ज कराया है।


अखिलेश्वर तलाशता था अभ्यर्थी गिरफ्तार अखिलेश्वर सिंह ने बताया कि वह अभ्यर्थियों की तलाश करता था। रेलवे ग्रुप-डी की परीक्षा में नियुक्ति होने के बाद प्रति अभ्यर्थी पांच लाख रुपये में सौदा तय होता था। इसमें उसका कमीशन दो लाख रुपये था। मिथिलेश कुमार ने बताया कि अखिलेश्वर सिंह से परीक्षा में पास कराकर नियुक्ति की बात तय हुई थी। नियुक्ति हो जाने के बाद पांच लाख रुपये अखिलेश्वर सिंह को देने थे। रामनरेश ने बताया कि वह रंजीत कुमार का सहयोगी है। वह भी अभ्यर्थियों को तलाशता है।

ईसीआरसी पद पर कार्यरत था सॉल्वर रंजीत

बिहार के मूल निवासी रंजीत कुमार ने बताया कि पूर्व में वह ईसीआरसी पद पर लखनऊ में कार्यरत था। स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर में मिथिलेश कुमार की जगह परीक्षा देने आया था। उसने बताया कि वह लखनऊ, चण्डीगढ़, प्रयागराज, उत्तराखण्ड आदि कई स्थानों पर सॉल्वर के रूप में दूसरे परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दे चुका है। उसके पास से एसटीएफ ने बिग और अन्य मेकअप का सामान बरामद किया है। उसने बताया कि अभ्यर्थियों के रंग-रूप के हिसाब से चेहरे का मेकअप करता था और फेविकोल से अभ्यर्थियों के अंगूठे के छाप तैयार करता था। फोटोशॉप के माध्यम से अभ्यर्थियों के फोटो के स्थान पर अपना फोटो मिक्स करके लगा देता था।


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