डीयू की दाखिला नीति का पालन करे सेंट स्टीफंस कॉलेज, इन छात्रों के CUET मार्क्स को दे 100 फीसदी वेटेज
उच्च न्यायालय ने सोमवार को सेंट स्टीफंस कॉलेज को गैर अल्पसंख्यक छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा तैयार दाखिला नीति का पालन करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने गैर अल्पसंख्यक छात्रों को दाखिला देने में सीयूईटी 2022 के प्राप्तांक को 100 फीसदी वेटेज देने का भी निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने अपने फैसले में सेंट स्टीफंस कॉलेज को मौजूदा शैक्षणिक सत्र में स्नातक पाठ्यक्रम के लिए जारी अपने प्रवेश विवरणिका को वापस लेने का भी निर्देश दिया है। साथ ही, कॉलेज प्रशासन को शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए स्नातक पाठ्यक्रमों में आवेदन करने वाले गैर अल्पसंख्यक श्रेणी के छात्रों के प्रवेश के लिए सीयूईटी प्राप्तांक का 100 फीसदी वरीयता देते हुए एक नया विवरणिका जारी करने का आदेश दिया है। इससे पहले, स्टीफंस कॉलेज ने संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा यानी सीयूईटी के प्राप्तांक का 85 फीसदी और साक्षात्कार का 15 फीसदी वरीयता देने की घोषणा की थी जो कि डीयू द्वारा जारी दाखिला नीति के विपरीत था।
संस्थानों को विवि के मानदंडों का करना चाहिए पालन
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि ‘संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत अल्पसंख्यक संस्थानों को दिया गया मौलिक अधिकार का इस्तेमाल गैर अल्पसंख्यक छात्रों के दाखिला देने के लिए नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों को उक्त विश्वविद्यालय के मानदंडों और प्रक्रिया का पालन करना चाहिए, जिससे वह संबंद्ध है। न्यायालय ने कहा कि अल्पसंख्यक संस्थानों को अनुच्छेद 30 (1) के तहत मिले संरक्षण को अल्पसंख्यक समुदाय को दिए गए आरक्षण को उप-वर्गीकृत करने की अनुमति देने तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि न्यायालय ने अपने फैसले में यह साफ कर दिया है कि डीयू ‘ईसाई समुदाय से संबंधित छात्रों के प्रवेश के लिए एक ही योग्यता सूची जारी करने पर जोर नहीं दे सकता है, भले ही वे किसी भी समुदाय से हों। उच्च न्यायालय ने कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा कोनिका पोद्दार और सेंट स्टीफंस कॉलेज की ओर से दाखिल याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है।
कालेज प्रबंधन ने डीयू की ओर से जारी पत्र को दी थी चुनौती
कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रा की ओर से अधिवक्ता आकाश वाजपेयी ने याचिका में उच्च न्यायालय से सेंट स्टीफंस कॉलेज को गैर अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए अनारक्षित सीटों पर डीयू द्वारा जारी दाखिला नीति के तहत प्रवेश देने का आदेश देने की मांग की थी। उन्होंने पीठ को बताया था कि दाखिले में डीयू की नीति का पालन नहीं करना पूरी तरह से गैर कानूनी और भेदभावपूर्ण है, जबकि कॉलेज प्रबंधन ने डीयू की ओर से जारी उस पत्र को चुनौती दी थी, जिसमें दाखिले के लिए जारी विवरणिका को वापस लेने और उसके (डीयू) नीति का पालन सुनिश्चित करने को कहा था। कॉलेज प्रबंधन ने पीठ को बताया कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान होने के नाते दाखिला देने के लिए वह अपनी नीति बनाने के लिए स्वतंत्र है।
CUETSt Stephens College
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