सीसीएसयू प्राइवेट डिग्री की वैधता पर सवाल, स्नातक प्रथम वर्ष प्राइवेट बंद
चौ. चरण सिंह विवि में स्नातक प्राइवेट परीक्षाओं का मामला आने वाले समय में और उलझ सकता है। पहले विवि द्वारा इस सत्र से स्नातक प्रथम वर्ष प्राइवेट बंद करने और फिर छात्र संगठनों के दबाव में फैसले को वापस लेने के बाद अब मामला राजभवन पहुंच गया है। राजभवन में प्राइवेट मोड में डिग्री की वैधता को चुनौती दी गई है। राजभवन दिसंबर 2020 में भी इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए विश्वविद्यालयों को निर्देश दे चुका है।
आशीष सिंह द्वारा भेजे प्रत्यावेदन के अनुसार विवि जनवरी में प्राइवेट परीक्षा फॉर्म भरवाते हुए मार्च में पेपर करा देगा। 30 जून तक परिणाम जारी हो जाएंगे। मात्र दो से तीन महीने में पूरी डिग्री करा दी जाएगी। रेगुलर में जहां 210 कार्यदिवस पूरे करने होते हैं वहीं प्राइवेट में ऐसा नियम नहीं है। आशीष सिंह ने सवाल उठाया कि जब दो महीने में बिना कोई एसाइनमेंट और क्लास के डिग्री की जा सकती है तो फिर रेगुलर कोर्स की जरुरत क्या है।
छह माह में स्टेटमेंट मांगने पर आयोग खफा
विवि द्वारा शिक्षकों के हर छठे महीने बैंक स्टेटमेंट मांगने के नियम से राज्य सूचना आयोग सहमत नहीं है। शशांक सिंह उर्फ सनी बनाम सीसीएसयू के निर्णय में आयोग ने कहा कि विवि द्वारा जिस तरह से हर छह माह में शिक्षकों के बैंक स्टेटमेंट मांगे जा रहे हैं, उससे शिक्षकों की निजता का उल्लंघन होता है। आयोग ने विवि से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए हैं।
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