क्या राजस्थान में रिटायरमेंट की उम्र घटेगी ? CM को अब तक एक लाख सुझाव
- सरकारी नौकरी का फॉर्म भरने की कोई फीस नहीं लगनी चाहिए
- अगर पेपर लीक हो जाए तो बोर्ड उसका मुआवजा स्टूडेंट्स को दे
- इंजीनियरिंग-एमबीए-बीएड कर चुके बेरोजगार भाइयों को जीरो इंटरेस्ट पर लोन मिले
- किसी को चाय की थड़ी, कचौरी का ठेला लगाना हो तो इसके लिए अलग से बजट होने चाहिए
- जो बेरोजगारी भत्ता 3 हजार रुपए मिल रहा है, इसे बढ़ाकर 5 हजार रुपए किया जाना चाहिए
ये वो सुझाव हैं जिसके लिए 20 दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था- कि आप हमें सुझाव भेजिए, इन्हें अगले बजट में शामिल किया जाएगा। शायद प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब यूथ से इस तरह सुझाव मांगे गए। इसके लिए बाकायदा ऑनलाइन पोर्टल भी खोला गया है। महज 10 दिन में इस पोर्टल पर 1 लाख के करीब सुझाव आ चुके हैं। युवाओं के ज्यादातर सुझाव रोजगार, बेरोजगारी भत्ता, नौकरी, पद, आरक्षण नियम, भर्ती, बैकलॉग, कंपटीशन एग्जाम, रिजल्ट से संबंधित हैं। लेकिन मुसीबत यह है कि जो सुझाव आ रहे हैं, उन्हें देखना, छंटनी करना और बजट में शामिल करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। इन सुझावों को कैसे और कितने ढंग से बजट में शामिल किया जाएगा, इसका अंदाजा लगाना असंभव है।
क्या वाकई में आपके सुझावों को देखा या पढ़ा जा रहा है? क्या सच में आपके सुझाव को मुख्यमंत्री तक पहुंचेंगे? क्या उन्हें बजट में शामिल किया जाएगा? वित्त विभाग के निदेशक (बजट) बृजेश किशोर शर्मा ने बताया कि हमारे पास सुझावों को अंतिम छोर तक पहुंचाने का सिस्टम है। हम तेजी से सुझावों को अलग-अलग कैटेगरी में छंटनी करने में जुटे हैं। बजट में युवाओं पर खास फोकस की बात सीएम गहलोत ने कही है, जिसका पूरा पालन हो रहा है।अभी वेबसाइट ओपन है। ऐसे में लाखों सुझाव आ रहे हैं। हम सभी सुझावों को वन बाइ वन देखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। अच्छे और तार्किक सुझावों को शॉर्टलिस्ट कर बजट में शामिल करेंगे।
युवाओं के कुछ खास सुझाव
आइए आपको भी बताते हैं कि मौजूदा समय में युवाओं की जरूरत क्या है? और किस तरह के सुझाव बजट में यूथ के लिए भेजे जा रहे हैं।
- बार-बार हो रहे पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कोई फुल प्रूफ सिस्टम बने।
- आरपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग को केंद्र के यूपीएससी और एसएससी की तर्ज पर डेवलप किया जाए। जहां भर्ती परीक्षा की तारीख, कैलेंडर, रिजल्ट सब कुछ व्यवस्थित हो। अगले तीन साल में कौन-कौन सी परीक्षाएं कब आयोजित होंगी सब तय होनी चाहिए।
- प्रतियोगी परीक्षाओं को बंद कर स्कूल-कॉलेज व संबंधित डिग्री-डिप्लोमा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जाए। इससे पेपर आउट होने, नकल और बेईमानी की संभावना लगभग समाप्त हो सकेंगी।
- बेरोजगारी भत्ता 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए मासिक किया जाए। पिछले चुनावों (2018) में भाजपा ने बेरोजगार भत्ता 5 हजार रुपए मासिक देने का वादा किया था।
- किसी भी डिपार्टमेंट में किसी भी रैंक पर कार्यरत प्रत्येक संविदाकर्मी को पक्का (नियमित) किया जाए।
- युवाओं को उनकी डिग्री जैसे इंजीनियरिंग, बीएड, होटल मैनेजमेंट, एमबीए के आधार पर बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार की ओर से जीरो इंटरेस्ट रेट पर लोन दिया जाना चाहिए।
- छोटे बिजनेस जैसे- चाय की दुकान, कचौरी का ठेला, पोहे का ठेला, हेयर कटिंग की दुकान, कृषि कार्य, पशुपालन, दूध उत्पादन के लिए सरकार आर्थिक मदद करे। इसमें पढ़े-लिखे, उच्च शिक्षित युवाओं को प्राथमिकता मिले।
- प्रतियोगी परीक्षा का फॉर्म भरने के लिए कोई फीस नहीं ली जाए। पूरा भुगतान सरकार अपने बजट से करे।
- युवाओं को इंग्लिश स्पीकिंग सिखाने के लिए सरकार स्कूल या कॉलेज के स्तर पर ही व्यवस्था करे।
- सरकारी नौकरी के लिए कभी भी आवेदन न करने की शर्त के साथ युवाओं को अपना स्टार्टअप या बिजनेस शुरू करने के लिए बिना ब्याज के मदद मिले।
- पेपर लीक या परीक्षा रद्द होने पर छात्रों को होने वाले नुकसान का संबंधित बोर्ड से मुआवजा मिले।
- सरकारी नौकरी में रिटायरमेंट की उम्र घटाई जानी चाहिए ताकि ज्यादा युवाओं को मौका मिल सके।
- छोटे लेवल पर खेती, बागवानी, नर्सरी आदि के कामकाज के लिए युवाओं को फ्री ऑफ कॉस्ट ट्रेनिंग और लोन की व्यवस्था हो।
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