UPPSC BEO भर्ती : फर्जी सर्टिफिकेट लगाया, रिजल्ट के 21 माह बाद चयन रद्द, टॉपर भी था फ्रॉड
UPPSC BEO Recruitment : खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) भर्ती 2019 का परिणाम 30 जनवरी 2021 को घोषित होने के 21 महीने बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एक अभ्यर्थी का चयन निरस्त कर दिया है। परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी की ओर से बुधवार को जारी नोटिस के अनुसार मुख्य सूची में 308 नंबर पर चयनित अनुसूचित जनजाति वर्ग के जीतेन्द्र कुमार गोंड (अनुक्रमांक 50079) का जाति प्रमाणपत्र सत्यापन के बाद अनुसूचित जनजाति का न होने के कारण उनका अभ्यर्थन आयोग ने निरस्त कर दिया है।
निरस्तीकरण के कारण रिक्त हुए पद के सापेक्ष अनुसूचित जनजाति के पूरन सिंह (अनुक्रमांक 069705) का नाम औपबंधिक रूप से संस्तुत किया गया है। अभ्यर्थी के मूल प्रमाणपत्रों के सत्यापन के बाद सही मिलने पर संस्तुति पत्र भेजा जाएगा। आयोग ने 13 दिसंबर 2019 को बीईओ के 309 पदों पर विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए 528314 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। 16 अगस्त 2020 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम एक अक्तूबर को घोषित किया गया जिसमें 4591 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित हुए थे।
टॉपर भी था फ्रॉड, हुई थी एफआईआर
बीईओ भर्ती का टॉपर भी फ्रॉड निकलने के कारण उसका चयन पिछले साल मार्च में निरस्त कर दिया गया था। ललौली रोड थाना बिंदकी रोड फतेहपुर के प्रणव (रोल नंबर 238805) ने टॉप किया था। अभिलेखों के सत्यापन के दौरान प्रणव पुत्र अशोक कुमार गुप्ता का बीएड प्रमाणपत्र संदिग्ध लगा। इस पर आयोग ने प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज से जांच रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया। सत्यापन रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि प्रणव ने डीएलएड प्रशिक्षण 2017 के तहत किया है। अभ्यर्थी ने डीएलएड के प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ कर उसे बीएड कर दिया था। इस अपराध के लिए आयोग ने एक मार्च 2021 को टॉपर प्रणव के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एफआईआर कराई थी।
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