यूपी के सेवानिवृत्त शिक्षकों को मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डेढ़ लाख सेवानिवृत्त शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों के लिए खुशखबरी है। वर्ष 2006 से 2014 के बीच 30 जून को रिटायर हुए इन कर्मचारियों को नोशनल वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। यह निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है, जिसके तहत संबंधित अवधि (नौ वर्षों) के दौरान रिटायर हुए शिक्षकों को पहली जुलाई से उनके मूल वेतन का तीन प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। इससे इनकी पेंशन में प्रतिमाह डेढ़ से चार हजार रुपये तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
वेतन वृद्धि का विवरण
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस आदेश का वास्तविक लाभ 12 जून 2024 से मिलना शुरू होगा, लेकिन इससे जुड़े किसी भी प्रकार के एरियर का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह नई व्यवस्था छठे वेतन आयोग के अनुक्रम में पहली जनवरी 2006 से लागू की गई है। आयोग की संस्तुति थी कि वार्षिक वेतन वृद्धि पहली जुलाई से दी जाए, जिससे सभी शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मी लाभान्वित होंगे। हालांकि, इसके लिए शर्त यह है कि उन्हें 30 जून से अगले 30 जून के मध्य न्यूनतम छह महीने (180 दिन) काम करना होगा।
ग्रेच्यूटी में भी होगी बढ़ोतरी
सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए ग्रेच्यूटी का लाभ भी बढ़ेगा। 33 वर्षों की सेवा के बाद, शिक्षक को साढ़े सोलह महीने का मूल वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़कर जो राशि मिलती है, वह ग्रेच्यूटी होती है। इस वेतन वृद्धि के कारण ग्रेच्यूटी की राशि में भी इजाफा होगा, जिसका फायदा 60 वर्ष की आयु में रिटायर होने वाले शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों को होगा।
पुरानी व्यवस्था का बदलाव
पिछले समय में, शिक्षकों का शैक्षिक सत्र पहली जुलाई से 30 जून तक होता था, जिसके चलते वे 30 जून को रिटायर होते थे। यह व्यवस्था वर्ष 2014 तक चली, लेकिन 31 मार्च 2015 से शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से प्रारंभ होने लगा। इसके बाद, एक जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू हुईं, जिनमें शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए पहली जुलाई और पहली जनवरी को वर्ष में दो बार वेतन वृद्धि की व्यवस्था की गई।
उच्च न्यायालय का निर्देश
यह महत्वपूर्ण निर्णय इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा 23 अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार लिया गया है। इस आदेश के आधार पर, शासन और शिक्षा विभाग ने इसे लागू किया है। 27 सितंबर को शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) की ओर से अपर शिक्षा निदेशक (मा.) सुरेंद्र कुमार तिवारी ने इस आशय का विभागीय आदेश जारी किया है।
संगठन का स्वागत
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने इस आदेश का स्वागत किया है। संगठन के वरिष्ठ नेता ओंम प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि उनका संगठन लंबे समय से इस मांग को उठा रहा था, और अब सरकार ने इसे पूरा किया है। उन्होंने इसे शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो उनकी मेहनत और सेवा के प्रति एक सम्मान है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें