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गुरुवार, 13 नवंबर 2025

शिक्षक पढ़ाने के बजाए अन्य विभागों में बजा रहे ड्यूटी



 शिक्षक पढ़ाने के बजाए अन्य विभागों में बजा रहे ड्यूटी

डूंगरपुर. राजकीय विद्यालयों का शिक्षण सत्र बदल रहा है और जल्द ही छहमाही और वार्षिक परीक्षाएं होगी। ऐसे में शिक्षकों पर विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम करवाने का दबाव है। इसके बावजूद कई शिक्षक लंबे समय से अन्य विभागों एवं परियोजनाओं में प्रतिनियुक्तियां करवाकर स्कूलों से दूर हैं।ऐसे में स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक दोहरी मार झेल रहे हैं। जबकि, शिक्षा निदेशालय ने बार-बार आदेश जारी कर तमाम प्रकार की प्रतिनियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। पर, चेहेते शिक्षक अधिकारियों के वृहदहस्त के चलते मूल विभाग से इतर अन्य विभागों में ड्यूटियां बजा रहे हैं।

निदेशक के सख्त निर्देश भी नाकाम

शिक्षा निदेशक (माध्यमिक एवं प्रारम्भिक) ने कुछ समय पूर्व आदेश जारी कर यह स्पष्ट किया था कि बिना निदेशालय की पूर्व अनुमति किसी भी शिक्षक या कर्मचारी को प्रतिनियुक्ति नहीं की जाए। इस निर्णय का उद्देश्य था कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करते हुए शिक्षकों से शिक्षण कार्य ही करवाया जाए। साथ ही निर्देश दिए थे कि जो शिक्षक पहले से कार्यालयों में तैनात हैं, उन्हें तत्काल अपने मूल विद्यालयों में लौटाया जाए।

कार्यालय में डटे शिक्षक

निदेशालय के आदेशों के बावजूद अधिकारी अपने चेहते शिक्षकों की धड़ल्ले से प्रतिनियुक्तियां आदेश जारी कर रहे हैं। जिले के कई शिक्षक लंबे समय से खेलकूद, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं शिक्षण प्रतियोगिताओं के साथ ही अभियानों, चुनाव, स्वीप आदि की आड़ में लंबे समय से प्रतिनियुक्तियां करवा रखी है और स्कूलों में जा ही नहीं रहे हैं।कई शिक्षक शिक्षा विभाग के ही सीडीईईओ, डीईईओ, सीबीईईओ, एडीपीसी, तहसील, उपखण्ड, कलक्टे्रट कार्यालय सहित विभिन्न विभागों की परियोजनाओं मेें वर्षों से लगे हुए हैं और उन्हें बदला तक नहीं गया है। इनमें शारीरिक शिक्षक भी हैं, जो खेलकूद स्पर्धाओं के नाम पर स्कूलों के बजाय कार्यालय में डटे हुए हैं।

अधिकारियों के साथ करते हैं निरीक्षण

कई शिक्षक डीईओ एवं सीडीईओ कार्यालय में प्रतिनियुक्तियों पर है और ताजूब्ब की बात है कि अधिकारी इन प्रतिनियुक्त शिक्षकों को साथ में लेकर स्कूलों के निरीक्षण के लिए भी जा रहे हैं। निरीक्षण दौरान निरीक्षण में साथ गए प्रतिनियुक्त शिक्षक समान केडर तथा अपने से वरिष्ठ ग्रेड-पे वाले शिक्षकों को निर्देश देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।शिक्षक संगठनों की ओर से भी बार-बार प्रतिनियुक्तियां निरस्त करने की मांग की है। पर, अधिकारी इर्द-गिर्द इन प्रतिनियुक्त शिक्षकों का मजमा लगाए बैठे हैं।


यह है प्रावधान

प्रतिनियुक्तियों के प्रावधानों के अनुसार किसी कार्यालय में प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता होने पर संबंधित अधिकारी को प्रस्ताव निदेशालय को भेजना आवश्यक है। स्वीकृति मिलने के बाद ही ‘शाला दर्पण’ पोर्टल से ऑनलाइन कार्यमुक्ति की जा सकती है। पर, जिले में प्रावधानों के विपरित जाकर प्रतिनियुक्तियां की जा रही है।


फेक्ट फाइल

300-400 शिक्षक अन्य विभागों में हैं प्रनियुक्तियों पर

12 हजार से अधिक शिक्षक हैं कार्यरत

2500 से अधिक सरकारी स्कूल है जिले में

10 सीबीईईओ कार्यालय सहित डीईईओ, सीडीईओ, एडीपीसी कार्यालय


शिक्षकों की कमी

आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 को एक अप्रैल से प्रारम्भ करने की तैयारियां शुरू हो गई है। पर, शिक्षकों की अनुपलब्धता से ग्रामीण व दूरस्थ विद्यालयों में नियमित कक्षाएं बाधित हो रही हैं। कठिन विषयों में तो हालात और गंभीर हैं।कई विद्यालयों में एक ही शिक्षक को कई कक्षाओं की जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है, जिससे शिक्षण गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। वहीं, दूसरी और 20 नवम्बर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा भी प्रारम्भ हो रही है तथा पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हुआ है।


अधिकारी ने कहा...

सभी डीईईओ, सीबीईईओ एवं पीईईओ आदि के माध्यम से प्रतिनियुक्त शिक्षकों की सूचियां मंगवाई जाएगी। सूचियों की समीक्षा के लिए कमेटी गठित कर बहुत अधिक आवश्यक होने पर ही प्रतिनियुक्ति रखी जाएगी। शेष निरस्त कर दी जाएगी।- आरएल डामोर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, डूंगरपुर

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