उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिए हैं कि जिन विश्वविद्यालयों में वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू है, वहां यूजी प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रोन्नत किए जाएंगे। जिन विवि में इस वर्ष यूजी प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हो पाई है, उनके छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत किया जाएगा तथा वर्ष 2022 में होने वाली द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर प्रथम वर्ष की परीक्षा के अंक निर्धारित किए जाएंगे। जिन विश्वविद्यालयों में वर्ष 2020 में यूजी प्रथम वर्ष की परीक्षा हुई थी, वहां द्वितीय वर्ष के छात्रों के अंक प्रथम वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर तय कर उन्हें तृतीय वर्ष में प्रोन्नति दे दी जाएगी। जिन विश्वविद्यालय में कोरोना के कारण यूजी प्रथम वर्ष की परीक्षाएं वर्ष 2020 में नहीं हो पाई थी और विद्यार्थियों को दूसरे वर्ष में प्रोन्नत कर दिया गया था, वहां छात्र द्वितीय वर्ष की परीक्षा देने के बाद ही तृतीय वर्ष में प्रोन्नत किए जाएंगे। इसी तरह पीजी के विद्यार्थी भी प्रोन्नत होंगे।
दूसरी तरफ जिन संस्थानों में सेमेस्टर प्रणाली लागू है और वहां यूजी प्रथम व तृतीय (विषम) तथा पीजी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो चुकी हैं, वहां स्नातक द्वितीय सेमेस्टर व चतुर्थ (सम) सेमेस्टर तथा पीजी द्वितीय सेमेस्टर के अंक प्रथम व तृतीय सेमेस्टर तथा मिड टर्म परीक्षा व आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार आधार पर तय किए जाएंगे। जहां विषम एवं सम सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं हुई हैं, वहां मिड टर्म व आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर विषम सेमेस्टर व सम सेमेस्टर के अंकों के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा। जो विद्यार्थी इस व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं, वह अगले वर्ष 2022 की बैक पेपर परीक्षा या वार्षिक परीक्षा में शामिल होकर अपने अंक सुधार सकेंगे।
13 सितंबर से नया शैक्षिक सत्र शुरू होगा, ऐसे में प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए गए हैं। दैनिक जागरण ने श्यूजी-पीजी के अंतिम वर्ष के छात्र देंगे परीक्षा, अन्य प्रोन्नतश् शीर्षक से दे जून के अंक में प्रथम पृष्ठ पर खबर प्रकाशित कर पहले ही विद्यार्थियों को इसकी जानकारी दे दी थी।
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