यूनियन की अध्यक्षा शिवानी कौल ने कहा कि पिछले लंबे समय से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को पूरा मानदेय नहीं दिया जा रहा है। कई सारे आँगनवाड़ी केंद्रों का किराया भी नहीं आ रहा है। कोरोना काल के दौरान जोखिम में जमीनी स्तर पर कार्यरत आँगनवाड़ीकर्मियों के लिए समुचित सुरक्षा उपकरणों का इंतजाम भी नहीं किया गया। कर्मियों ने तमाम अभावों के बावजूद भी कोरोना काल में कड़ी मेहनत की और कोरोना महामारी को हराने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन सरकारों ने आँगनवाड़ी कर्मियों के साथ धोखा किया है।
उन्होंने बताया कि पिछली बार 58 दिन चली हड़ताल के बाद अगस्त 2017 में बढ़ाया गया था। 11 सितम्बर 2018 को भी सरकार ने मानदेय बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी। लेकिन इसमें घोषित राशि हमें आज तक नहीं मिली। फिर सितंबर 2019 में एक अधिसूचना जारी करके अपने हिस्से में से कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय घटा दिया गया।वहीं यूनियन की मीडिया प्रभारी वृषाली श्रुति ने बताया कि सरकार आंगनवाड़ीकर्मियों के हितों के साथ न्याय नहीं कर रही हैं। मंहगाई बढ़ रही है लेकिन आँगनवाड़ी कर्मियों के मानदेय में कटौती की जा रही है।
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