नई शिक्षा नीति : पाठ्यक्रम की समीक्षा करेगा आईआईटी दिल्ली
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली अपने पाठ्यक्रम की समीक्षा करेगा। उसमें सामाजिक उपयोगिता से जुड़े बिंदु भी जोड़े जाएंगे। 10 साल बाद आईआईटी दिल्ली अपने पाठ्यक्रम की समीक्षा करने जा रहा है। उक्त बातें सोमवार को आईआईटी दिल्ली के नव नियुक्त निदेशक प्रो.रंगन बनर्जी ने कही।
ज्ञात हो कि प्रो.रंगन बनर्जी ने विगत महीने ही कार्यभार संभाला है। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम में समीक्षा के लिए सभी विभागों से मिले इनपुट पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें उभरते नए क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा। पाठ्यक्रम में शिक्षा, शोध, नवोन्मेष के साथ समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को भी शामिल करेंगे। इसके लिए शिक्षकों, छात्रों से मिले इनपुट लिए जाएंगे। इस पाठ्यक्रम में ‘कर के सीखें’ पर जोर होगा। उन्नत भारत के तहत भी संस्थान सामाजिक सरोकार से जुड़कर काम कर रहा है।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप:
आईआईटी के निदेशक ने बताया कि यह पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुरूप होगा। इसमें बहु विषयक बिंदु शामिल होंगे। इंजीनियरिंग के अलावा मैनेजमेंट और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव शामिल किए जाएंगे। इसमें वरिष्ठ छात्रों, शिक्षकों के अनुभव का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
एनसीआर की समस्याओं के समाधान पर फोकस:
प्रो.बनर्जी ने बताया कि हम आने वाले समय में दिल्ली के समीपवर्ती इलाकों के लोगों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसमें प्रदूषण, पर्यावरण, एमएसएमई आदि पर काम होगा। वायु गुणवत्ता के सुधार पर भी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय लोगों की समस्याओं के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि आईआईटी दिल्ली अन्य केंद्रीय संस्थान जेएनयू, डीयू के साथ मिलकर काम करेगा। इसके अलावा आईसीएमआर के साथ मिलकर मेडिकल डिवाइस, स्टार्टअप इकोसिस्टम, मेडिकल उपकरण बनाने के क्षेत्र भी काम होगा।
अप्रैल से पूरी तरह ऑफलाइन कक्षाएं:
आईआईटी दिल्ली के निदेशक ने बताया कि अप्रैल में सभी कक्षाएं पूरी तरह से ऑफलाइन चलेंगी। बीटेक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी ऑफलाइन आयोजित होंगी। उन्होंने बताया कि हॉस्टल भी पूरी क्षमता के साथ संचालित होंगे।
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