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गुरुवार, 26 मई 2022

UP Budget 2022: बुजुर्गों-दिव्यांगों को 1000 रुपए पेंशन, संतों-पुजारियों के लिए बोर्ड; सामाजिक सुरक्षा के ऐलान


 

UP Budget 2022: बुजुर्गों-दिव्यांगों को 1000 रुपए पेंशन, संतों-पुजारियों के लिए बोर्ड; सामाजिक सुरक्षा के ऐलान

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को विधानसभा में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपए के बजट में योगी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। बुजुर्गों, दिव्यांगों और निराश्रित महिलाओं के लिए पेंशन राशि को बढ़ाकर 1000 रुपए मासिक कर दिया गया है।

वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजन को पेंशन प्रदान की जा रही है। इस योजना के लिए 7053 करोड़ 56 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रुपए प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के तहत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना के लिए 4032 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रुपए प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, को बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

कुष्ठावस्था विकलांग भरण - पोषण योजना के तहत 3000 रुपए प्रति माह की दर से 34 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

मैनुअल स्कॅवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना के लिए 01 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

 बुजुर्ग पुजारियों, संतों और पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके लिए 01 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

श्रमिक और स्ट्रीट वेंडर 

पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों और अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किए जाने के लिए प्रदेश के 18 मण्डलों में प्रत्येक मण्डल में 01-01 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है। इस हेतु 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

 कामगारों / श्रमिकों को सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को सुनियोजित ढंग से प्राप्त किए जाने के लिए "उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक ( सेवायोजन और रोजगार ) आयोग " का गठन किया गया है।

शहरी स्ट्रीट येण्डर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत 08 लाख 45 हजार से अधिक स्ट्रीट वेण्डर्स को ऋण वितरित कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश के 10 शहरों में 19 मॉडल स्ट्रीट वेण्डिंग जोन्स का विकास किया जा रहा है। शहरी बेघरों के लिये आश्रय योजना के अन्तर्गत 130 शेल्टर होम क्रियाशील किये जा चुके हैं।

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