टाइपिंग गलती दिखाकर चहेतों को दे दी नौकरी:हाईकोर्ट ने जांच का आदेश दिया, माध्यमिक शिक्षा निदेशक से छः हफ्ते में तलब की रिपोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सफल अभ्यर्थी को मिले क्वालिटी प्वाइंट अंक को टाइपिंग गलती दिखाकर अपने चहेते को नौकरी देने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक से छ: सप्ताह में जांच रिपोर्ट तलब की है।
ज्यादा अंक पाकर भी नियुक्ति से बाहर
कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर राजकुमार पंडित व श्रीराम जानकी संस्कृत महाविद्यालय तियरा, बदलापुर, जौनपुर के प्रबंधक त्रिलोकी नाथ मिश्र को पक्षकार बनाते हुए तलब किया था।पत्रावली के साथ निरीक्षक कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने बताया कि याची को 100.166 क्वालिटी प्वाइंट अंक मिले हैं। लिपिक की गलती से 111.000 अंक दर्ज हो गया है। इसलिए याची को नियुक्ति देने से इंकार किया गया है।
पत्रावली में की गई है छेड़छाड़
जबकि याची का कहना है कि रंजीत दूबे की नियुक्ति करना चाहते हैं। इसलिए मेरे साथ गड़बड़ी की गई है। कोर्ट ने निरीक्षक से पूछा चयन प्रक्रिया की पूरी पत्रावली कोर्ट में क्यों नहीं लाये। तो कोई जवाब नहीं दिया। प्रबंधक हाजिर नहीं हुए। कोर्ट ने पाया कि पत्रावली में छेड़छाड़ की गई है और उसमें ओवर राइटिंग की गई है। जिसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है। याचिका की सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
DIOS को 27 जुलाई को पेश होने का आदेश
हाईकोर्ट में निरीक्षक द्वारा पेश अधूरी मूल पत्रावली वापस करते हुए कोर्ट ने छाया प्रति कोर्ट की पत्रावली में रखने को कहा है। न्यायालय ने 27 जुलाई को मूल पत्रावली के साथ डीआईओएस, जौनपुर राजकुमार पंडित को हाईकोर्ट में फिर हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस मंजू रानी चौहान ने अजय कुमार पांडेय की याचिका पर दिया है।
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