रिटायर कर्मचारियों ने दिया धरना:कैशलेस व्यवस्था सही करने और 4 फीसदी डीए बढ़ाने की मांग को एकत्र हुए सैकड़ों लोग
सेवानिवृत कर्मचारी और पेंशनर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने सोमवार को धरना दिया। कर्मचारी नेताओं का कहना था कि कैशलेस के लिए बनी साइट महीने में 15 दिन बंद रहती है। सबसे ज्यादा इलाज की जरूरत रिटायर कर्मचारियों को पड़ती है। इसके साथ ही 4 फीसदी डीए बढ़ाने की मांग की गई है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने बताया कि पूरे प्रदेश में जिला से लेकर तहसील स्तर पर धरना दिया गया है। कैशलेस सिस्टम में 20 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ मिलना है। लेकिन इसके लिए पर्याप्त बजट नहीं जारी किया गया है। इसके अलावा पुरानी पेंशन की मांग उठाई गई है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा ने बताया कि अभी तक सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए हमारी मांग पर सहमति नहीं दी है। इसको ठीक से लागू नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में परेशानी बढ़ेगी।
छह महीने से बिल लंबित पड़े है
धरना देने आए रिटायर कर्मचारियों ने बताया कि इलाज कराने के बाद चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिल छह महीने से लंबित पड़े है। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में इसको लेकर पूरे प्रदेश में तेज आंदोलन किया जाएगा। अगर इसको ठीक से लागू नहीं किया गया तो प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की समस्या दिन प्रति दिन बढ़ते ही जाएगी।
3 नवंबर को मांग दिवस बनाया जाएगा
वक्ताओं ने बताया कि इसके बाद 3 नवंबर को राष्ट्रीय स्तर पर मांग दिवस मनाया जाना है। इसको भी पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा। सरकार ने जल्द ही कर्मचारियों की समस्याओं पर सकरात्मक कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में रिटायर कर्मचारियों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। इसका असर निकाय और साल 2024 के चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।
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