सर! यह पूछना था...किताबें मिली नहीं अब छमाही परीक्षाएं कैसे देंगे
बरेली। प्रदेश में सरकारी स्कूलों में सेशन तो जुलाई से ही शुरू हो चुका है। अब नवंबर में बच्चों की छमाही परीक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी। मगर विभाग की बेपरवाही का हाल यह है कि बरेली में किताबों की किल्लत बच्चों के लिए अभी भी बनी हुई है। पहले तो शासन ने किताबें भेजने में देरी की और उसके बाद किताबों का वितरण जिले के अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गया। करीब दो लाख किताबों का अभी तक वितरण किया जाना है।
पिछले महीने तक बेसिक शिक्षा विभाग यह दावा करता रहा कि वह सौ प्रतिशत किताबों का वितरण कर चुका है। इधर पिछले सप्ताह हुई लगातार बारिश ने विभाग की पोल खोल दी। क्यारा बीआरसी में रखी किताबें बारिश में भींग गई। बारिश रूकी और मौसम साफ हुआ तो उन्हें सुखाने के लिए बाहर निकाला गया। तब विभाग से सवाल किया गया कि यदि सौ प्रतिशत किताबों का वितरण हो गया है तो यह कौन सी किताबें हैं जो बारिश में भींग गईं। इस पर विभाग कोई जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद सीडीओ जग प्रवेश ने भी बीएसए को पत्र लिखकर पूछा था कि क्यारा बीआरसी में किताबें भींगने का कौन दोषी है। इस पर भी अभी तक बीएसए ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। बता दें कि विभाग की ओर से 28 लाख 96 हजार 239 किताबें मांगी गईं थी। किताबें आ तो गईं है लेकिन अभी भी करीब दो लाख किताबों का वितरण होना बाकी है। विभाग की ओर से भी इस पर गोलमोल जवाब दिया जाता है।
बीएसए विनय कुमार का कहना है कि शासन से सौ फीसदी किताबें हमें मिल गई हैं। लेकिन अभी सभी किताबें नहीं बंट सकी है। बारिश के बाद दो ट्रक से किताबें आई हैं, उनका वितरण होना अभी बाकी है।
कई स्कूलों में उर्दू की किताब नहीं
शिक्षकों ने बताया कि कई स्कूलों में उर्दू की किताबों का वितरण नहीं हुआ है। पिछले साल तो उर्दू की किताबें आई ही नहीं थी। इस पर जब विभाग के लोगों से कहा जाता है तो वह जवाब देते हैं कि जो आ रहा है। सब भेज दिया जाता है।
एक नजर इन पर
- 2483 परिषदीय स्कूल हैं
- इनमें क्लास 1 से आठ तक के बच्चों की पढ़ाई होती है।
- 51 किताबें छात्रों के लिए निर्धारित की गई हैं
- 29 लाख किताबों में से 27 लाख किताबें पहुंची
- 2 लाख किताबें अब तक बच्चों के पास नहीं पहुंची
इतने हैं स्कूल
प्राथमिक स्कूल 1690
उच्च प्राथमिक स्कूल 425
कंपोजिट स्कूल 368
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