पंजाब कैबिनेट ने दी पुरानी पेंशन योजना को मंजूरी, जानिए कितने सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
चंडीगढ़: पंजाब की भगवंत मान कैबिनेट ने 2004 में बंद की गई पुरानी पेंशन योजना के दोबारा कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। सीएम भगवंत मान ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गन्ने के लिए 380 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दाम तय करने की अधिसूचना को भी मंजूरी दे दी गई। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद भगवंत मान से पुरानी पेंशन योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मंत्रिमंडल ने पुरानी पेंशन योजना को मंजूरी दे दी है। विस्तृत जानकारी दी जाएगी। पुरानी पेंशन योजना से अनेक कर्मचारियों को फायदा होगा। अधिसूचना जारी कर दी गई है।'
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस फैसले से 1.75 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। भविष्य में भी इस योजना को वित्तीय परेशानियों का सामना न करने पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार एक पेंशन कोष बनाने में सक्रिय रूप से योगदान देगी। इस कोष से पेंशनभोगियों को लाभ मिलता रहेगा।
2004 में बंद हो गई थी पेंशन योजना
पेंशन कोष में शुरुआत में योगदान 1,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगा और धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाएगा। पुरानी पेंशन योजना एक अप्रैल 2004 को बंद कर दी गई थी। उसके तहत सरकार पेंशन की पूरी राशि का भुगतान करती थी। करीब एक महीने पहले हुई कैबिनेट की बैठक में पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए इस योजना को बहाल करने का फैसला किया था। पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू करना कर्मचारियों की प्रमुख मांग थी।
राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पिछले महीने कहा था कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना चुनने का विकल्प दिया जाएगा। मान ने पत्रकारों को मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'आज हुई कैबिनेट बैठक में, गन्ने के लिए 380 रुपये प्रति क्विंटल दाम तय करने से संबंधित अधिसूचना को मंजूरी दे दी गई, जो देश में सबसे अधिक है।'
हरपाल चीमा ने कहा, 'हमने किसानों का पूरा गन्ना बकाया चुका दिया है।' सभी गन्ना मिलों में 20 नवंबर से गन्नों की पेराई शुरू कर दी जाएगी। भगवंत मान ने यह भी कहा कि सरकारी कॉलेजों में व्याख्याता के 645 पद भरे जाएंगे, जबकि 16 सरकारी कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति के मामले में आयु सीमा 45 से बढ़ाकर 53 कर दी गई है।
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