UPSESSB TGT PGT : यूपी टीजीटी पीजीटी भर्ती में पद बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती 2022 में पदों की संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड कार्यालय पर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार की 100 दिनी कार्ययोजना के तहत युवाओं को रोजगार देने के मकसद से टीजीटी-पीजीटी-2022 का विज्ञापन जारी हुआ था। लेकिन स्कूलों में हजारों पद खाली होने के बावजूद सिर्फ 4163 के सापेक्ष आवेदन लिए गए जबकि 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। लिहाजा पोर्टल एक बार फिर से खोलकर जिलों से और रिक्त मंगाए जाएं और परीक्षा तिथि भी घोषित की जाए। प्रदर्शन करने वालों में प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विक्की खान, प्रदेश संयोजक अनिल उपाध्याय, वरुण शर्मा, कृपाशंकर निरंकारी, अरविंद कुमार, राजेश कुमार आदि शामिल थे।
जो चयन बोर्ड टीजीटी-पीजीटी 2022 के 4163 पदों पर आवेदन लेने के चार महीने बाद तक परीक्षा तिथि घोषित नहीं कर सका है। उसी ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद टीजीटी-पीजीटी 2021 के 15198 पदों पर आवेदन लेने के छह महीने के अंदर भर्ती पूरी कर दी थी। चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2021 के लिए पिछले साल 20 मई 2021 तक आवेदन लिए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिन रात काम करके चयन बोर्ड ने 31 अक्तूबर तक सभी पदों के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए थे। लेकिन इस बार टीजीटी-पीजीटी 2022 के 4163 पदों पर 16 जून तक आवेदन लेने के तकरीबन छह महीने बाद परीक्षा तिथि तक घोषित नहीं की जा सकी है।
अफसरों की सम्पत्ति की जांच को लिखा पत्र
युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिला विद्यालय निरीक्षकों की सम्पत्ति की सीबीआई जांच कराने व तदर्थ शिक्षकों के पदों को टीजीटी-पीजीटी के विज्ञापन में शामिल कर जल्द परीक्षा कराने का अनुरोध किया है। अनिल का दावा है कि डीआईओएस की मिलीभगत से तदर्थवाद खत्म नहीं हो रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए डीआईओएस तदर्थ शिक्षकों का वेतन जारी कर रहे हैं।
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