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शुक्रवार, 29 मार्च 2024

शिक्षकों की पदोन्नति के दावे फुस्स, निदेशालयों ने नहीं भेजी सूची,31 मार्च तक होनी थी डीपीसी, निदेशक ने संयुक्त निदेशकों को जारी किया रिमाइंडर



 शिक्षकों की पदोन्नति के दावे फुस्स, निदेशालयों ने नहीं भेजी सूची,31 मार्च तक होनी थी डीपीसी, निदेशक ने संयुक्त निदेशकों को जारी किया रिमाइंडर


सीकर. शिक्षा विभाग में वरिष्ठ शिक्षकों की 31 मार्च तक पदोन्नति के दावे ने दम तोड़ दिया है। शासन सचिव ने 2021 से 2023 तक की डीपीसी इसी माह पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक शिक्षकों की सूची संयुक्त निदेशक कार्यालयों से ही निदेशालय तक नहीं पहुंचाई गई है। शुक्रवार को गुड फ्राइडे व इसके बाद दो दिन का साप्ताहिक अवकाश है। ऐसे में पदोन्नति होना नामुमकिन हो गया है।


एक अप्रेल से नई डीपीसी लंबित: विभाग में 3 साल की डीपीसी लंबित है। पुरानी डीपीसी पूरी नहीं होने पर 2024-25 की डीपीसी भी लागू होगी। ऐसे में विभाग में चार साल की डीपीसी बकाया हो जाएगी।


नए पद शामिल करते हुए जल्द हो डीपीसी

प्रदेश में शिक्षा विभाग के सभी संवर्गों की चार सत्र की डीपीसी लंबित होने से लग रहा है कि सरकारें शैक्षिक ढांचे की मजबूती के प्रति गंभीर नहीं हैं। सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए सरकार को पदोन्नति के बाद खाली हुए व क्रमोन्नत हुई स्कूलों के करीब 25 हजार पदों को शामिल करते हुए जल्द डीपीसी करनी चाहिए। ताकि स्कूलों में नामांकन व गुणवत्ता भी बढ़े।-उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ ( शेखावत)


यों समझें मामला

मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने चार मार्च को सभी विभागों को आदेश जारी कर 31 मार्च तक सभी डीपीसी पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत शिक्षा विभाग ने डीपीसी के लिए तीन साल बाद 47 हजार 175 वरिष्ठ शिक्षकों की पात्रता सूची जारी की थी। जिस पर 14 मार्च तक आपत्ति मांगी गई थी। 21 मार्च तक संयुक्त निदेशकों को अपडेट सूची निदेशालय भेजनी थी। अब तक वह सूची निदेशालय नहीं पहुंची है, जिसे लेकर निदेशालय ने रिमाइंडर भी जारी किया है।


नए सत्र की शुरुआत तक प्रक्रिया पूरी होना मुश्किल

डीपीसी में अभी आगे भी देरी होना तय है, क्योंकि व्याख्याता की 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की तीन डीपीसी बाकी है। ऐसे में सबसे पहले 2021-22 की डीपीसी उस सत्र के रिक्त पदों के आधार पर होगी, जिसमें करीब पांच हजार से भी ज्यादा शिक्षक 2018-19 में पदोन्नति का परित्याग करने वाले हैं। ऐसे में पूरा आर्थिक लाभ ले चुके इनमें से ज्यादातर शिक्षकों का इस बार भी स्थानांतरण से बचने के लिए पदोन्नति का परित्याग करने की पूरी संभावना है। लिहाजा उनके पद खाली रहने से रिव्यू डीपीसी और काउंसलिंग के साथ खाली पदों के लिए री-काउंसलिंग की ये प्रक्रिया तीनों वर्ष की डीपीसी में चलने पर नए सत्र की शुरुआत तक भी ये प्रक्रिया पूरी होना मुश्किल हो गया है।


स्कूलों में रिक्त चल रहे व्याख्याता पदों के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। शिक्षा विभाग को अवकाश के दिन भी कार्यालय खोल तय समय में डीपीसी करवानी चाहिए।-बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ


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