रोहित एंड टीम को न्यायालय से राहत, समायोजन पर लगी रोक
लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा आनन-फानन में शिक्षकों के समायोजन के मामले पर कोर्ट ने रोहित एंड टीम की पिछली याचिका के आधार पर पुनः सुनवाई करते हुए नया आदेश जारी किया है। न्यायालय ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद बिना उचित प्रक्रिया अपनाए समायोजन करने का प्रयास कर रही है, जिससे न्यायालय के आदेश पारित करने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इस संबंध में कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव और अपर मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट ने इस मामले में गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि ष्बेसिक शिक्षा परिषद आनन-फानन में बहुत तेजी से समायोजन करने का प्रयास कर रहा है ताकि न्यायालय कोई आदेश न पारित कर सके।ष् इस टिप्पणी के साथ ही न्यायालय ने अगली सुनवाई और आदेश तक किसी भी शिक्षक को समायोजित करके पदस्थापन करने पर रोक (स्टे) लगा दी है। इस आदेश के बाद, रोहित एंड टीम ने अपने समर्थकों से धैर्य और भरोसा बनाए रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि ष्बिना पूरी जानकारी के आलोचना में लीन रहने वालों को सोचना चाहिए कि न्यायालय से राहत पाना कोई मजाक नहीं है। हमारी पिछली सुनवाई को आधार बनाकर ही स्टे आदेश मिल पाया है।ष्
रोहित एंड टीम ने यह भी कहा कि न्यायालय की इस कार्रवाई से साफ है कि वे सही दिशा में काम कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस लड़ाई में वे सफल होंगे। उन्होंने अपने समर्थकों से धैर्य के साथ टीम पर भरोसा बनाए रखने की अपील की है।इस बीच, बेसिक शिक्षा परिषद ने कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। परिषद के अधिकारियों ने कहा कि वे कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे और हलफनामा दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं। इस पूरे मामले ने शिक्षकों और शिक्षा विभाग के बीच एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। देखना होगा कि न्यायालय की अगली सुनवाई में क्या निर्णय आता है और यह विवाद कैसे सुलझता है।
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