प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में सत्र 2019 के तहत पीएचडी प्रवेश का विवाद दूर कर लिया गया है। बची हुई सीटों पर प्रवेश के लिए वर्ष 2019 की संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) में चयनित अभ्यर्थियों से आवेदन सहित उनके अभिलेख मांग लिए गए हैं। वर्ष 2019 की प्रवेश प्रक्रिया का विवाद दूर होने के बाद अब क्रेट 2020 के तहत हिंदी में पीएचडी प्रवेश का रास्ता भी साफ हो गया है।
इविवि में सत्र 2019 के तहत हिंदी विभाग में पीएचडी की 90 सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन मांगे गए थे। इनमें से 78 सीटों पर ही प्रवेश लिए गए। इसके बाद दूसरे चरण में 19 सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन मांगे गए। ये सीटें बैकलॉग की थीं, सो परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को इससे वंचित कर दिया गया। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों ने इसका विरोध किया और विज्ञापन में बैंकलॉग का जिक्र न होने पर इविवि प्रशासन पर अनियमितता का आरोप लगाया। बाद में यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया, जिसके बाद इविवि प्रशासन ने क्रेट-2020 के तहत हिंदी विभाग में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया भी रोक दी।
क्रेट-2020 के तहत हिंदी विभाग में पीएचडी की 41 सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन मांगे गए थे। संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा भी हिंदी के अभ्यर्थियों को शामिल किया गया, लेकिन विवाद के कारण इविवि प्रशासन ने हिंदी विषय को छोड़कर बाकी सभी विषयों का परिणाम जारी कर दिया। अन्य विभागों ने क्रेट लेवर-2 के तहत इंटरव्यू की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
और हिंदी का रिजल्ट भी अब तक जारी नहीं किया गया है। फिलहाल क्रेट-2019 का विवाद सुलझने के बाद अब क्रेट-2020 के तहत 41 सीटों पर भी प्रवेश की बाधाएं समाप्त हो गई हैं। विभाग ने क्रेट-2019 के तहत लेवल-1 में चयनित अभ्यर्थियों से 15 जुलाई तक उनके आवेदन सहित अभिलेख मांगे हैं। अभिलेखों की स्क्रूटनी के बाद इंटरव्यू कराके प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
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