लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) में वरिष्ठ लिपिक अब प्रवर्तन दल में शामिल होकर बसों में बेटिकट यात्रियों की जांच नहीं कर पाएंगे। इन्हें अब क्षेत्रीय प्रबंधक के कार्यालय या बस अड्डे पर काम करना पड़ेगा। इस संबंध में प्रधान प्रबंधक (संचालन) डीवी सिंह ने बीते सोमवार को प्रदेश भर के क्षेत्रीय प्रबंधकों को सर्कुलर भेज कर परिवहन मंत्री अशोक कटारिया के निर्देश पर अमल करने का आदेश दिया है। इसमें कहा गया है, जो क्षेत्रीय प्रबंधक इस आदेश पर अमल नहीं करेंगे, उनके खिलाफसख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि रोडवेज में सहायक यातायात निरीक्षक एवं यातायात निरीक्षक की बहुत कमी है। इसके कारण अब तक क्षेत्रीय प्रबंधक बुकिंग क्लर्क को प्रवर्तन दल में शामिल करके बेटिकट यत्रियों की जांच करा रहे थे।
ये बुकिंग क्लर्क प्रमोशन पाकर वरिष्ठ लिपिक बनने के बावजूद प्रवर्तन दल में बने हुए हैं। लिहाजा इनसे अब पद के अनुरूप काम लेने के आदेश दिए गए हैं। जबकि प्रवर्तन दल का मुखिया यातायात अधीक्षक होता है। इनका सहयोग सहायक यातायात निरीक्षक और यातायात निरीक्षक करते हैं। मगर इनकी संख्या कम होने से बसों की चेकिंग नहीं हो पाएगी। इससे रोडवेज बसों में बेटिकट यात्रियों को ढोने का काम खेल शुरू हो जाएगा।स्टेनो का काम कर रहे एआरएम रोडवेज के कर्मचारी संगठनों ने प्रवर्तन दल की टीम से वरिष्ठ लिपिकों परिवहन निगम (रोडवेज) में को हटाए जाने को सराहा। साथ ही सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) वरिष्ठ लिपिक अब प्रवर्तन दल में के मुख्यालय में पद के विपरीत काम करने का विरोध किया है। उनका शामिल होकर बसों में बेटिकट कहा है कि एआरएम स्टेनो का काम कर रहे हैं। जबकि उन्हें डिपो में यात्रियों की जांच नहीं कर पाएंगे। प्रबंधन से लेकर बसों के संचालन का काम करना चाहिए। वहीं डिपो में इन्हें अब क्षेत्रीय प्रबंधक के अब क्षेत्रीय प्रबंधक के जूनियर फोरमैन व यातायात अधीक्षक एआरएम बने बैठे हैं। कर्मचारी कार्यालय या बस अड्डे पर काम कार्यालय या बस अई पर संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि एआरएम को करना पड़ेगा।
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