सहकारिता भर्ती घोटाला, चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन होगा
सपा शासनकाल में सहकारिता विभाग की विभिन्न संस्थाओं में 2300 पदों पर हुई भर्ती मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। शासन ने अब इस मामले से संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्थाओं के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखा है। जिसके आधार पर अब संस्थाओं के एमडी द्वारा सेवा मंडल द्वारा भर्ती किए गए कार्मिकों के शैक्षिक व अन्य अभिलेखों का सत्यापन कराने की तैयारी शुरू की गई है।
शासन के पत्र के साथ एसआईटी की रिपोर्ट और हाईपावर कमेटी की संस्तुतियों की प्रति लगाई गई है। एसआईटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नौ मार्च 2021 को शासन स्तर पर गठित हाईपावर कमेटी की बैठक हुई थी। जिसमें एसआईटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कई संस्तुतियां की गई थी। जिसमें भर्ती घोटाले के आरोपी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने तथा चयनित अभ्यर्थियों के मूल शैक्षिक व अन्य अभिलेखों का सत्यापन कराने की संस्तुति की गई थी।
प्रमुख सचिव ने संस्थाओं के एमडी को भेजा पत्र
सूत्र बताते हैं कि हाईपावर कमेटी की संस्तुतियों के साथ प्रमुख सचिव सहकारिता ने उ.प्र. कोआपरेटिव बैंक लि., उ.प्र. राज्य भंडारण निगम लि., पीसीएफ, पीसीयू, उ.प्र. सहकारी ग्राम विकास बैंक आदि के प्रबंध निदेशकों को पत्र भेजा है। जिसके मुताबिक अब संस्थाओं के एमडी के स्तर से इस मामले में संस्तुतियों की रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जानी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस भर्ती घोटाला के प्रमुख आरोपियों जो कि सेवा मंडल से जुड़े हुए थे सबके खिलाफ प्राथमिकी पहले ही दर्ज हो चुकी है। अब संस्थाओं द्वारा 2012 से 2017 के बीच सेवा मंडल द्वारा चयनित हुए कार्मिकों के शैक्षिक व अन्य अभिलेखों का सत्यापन किया जाना है। सत्यापन के पश्चात संस्थाओं के प्रबंध निदेशक एसआईटी और हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।
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