बकाया भुगतान के लिए सालों से चक्कर काट रहे शिक्षक, CM योगी ने दिया निपटाने के लिए इतने दिन का टाइम
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया था कि किसी भी कार्यालय में अधिकतम तीन दिनों में फाइलों का निस्तारण किया जाए। लेकिन शिक्षा निदेशालय में इस आदेश के कोई मायने नहीं है। शिक्षा निदेशालय में एक से दूसरे टेबल तक फाइल पहुंचने में सालों लग जाते हैं। खासतौर से जब एरियर भुगतान की बात हो तो फाइल का लटकना तय है। औरैया और मेरठ के ये मामले तो उदाहरण मात्र हैं। ऐसे दर्जनों प्रकरण शिक्षा निदेशालय में लंबित पड़े हैं।
केस एक: नेहरू इंटर कॉलेज औरैया के शिक्षक दिनेश चतुर्वेदी, विनीता चतुर्वेदी और श्याम सुंदर की एसीपी स्वीकृत होने के बाद बकाया एरियर 6,86,703 रुपये के भुगतान का मामला 30 जून 2017 से शिक्षा निदेशालय में लंबित है। ये शिक्षक निदेशालय का चक्कर काटकर थक चुके हैं।
केस दो: कृषि इंटर कॉलेज जयसिंहरपुर मेरठ के भूगोल प्रवक्ता कुंवरपाल सिंह के प्रोन्नत वेतनमान का 4,39,697 के भुगतान का मामला 28 दिसंबर 2018 से शिक्षा निदेशालय में लंबित है।
अनुभाग के लिपिक कोई न कोई आपत्ति लगाकर फाइल लटकाए रखते हैं। ये स्थिति तब है जबकि पिछले साल सितंबर में ही शिक्षा निदेशालय के प्रधान सहायक अनिल कुमार को एक शिक्षक से बकाया भुगतान के लिए 30 हजार रुपये घूस लेते हुए विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया था। विधान परिषद में नेता शिक्षक दल एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने अपर शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव और वित्त नियंत्रक को दो सितंबर को बकाया भुगतान के दर्जनों लंबित प्रकरणों की सूची देते हुए इनके तत्काल निस्तारण का अनुरोध किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें